Saturday, March 28, 2009

जन्मदिन मुबारक

आज एक साल और बीत गया।

आपका जन्मदिन आपके बिन सूना-सूना सा रह गया,
लेकिन आपके हिस्से का केक जरुर मेरे मुँह में जगह पा गया।

दिल खुश हो गया मगर बिन आपके,
यह खुशी जल्द ही गायब हो गई।

स्वप्न में भी देखता हूँ :
रात के अंधेरे में , नीले आसमां के तले ,
खुले मैदान में , चांदनी सी छांव में ,
चलते हुए आप और मैं ,
अपनी मंजिलों की तरफ़ मीठी-मीठी यादों के संग ,
बढ़ते ही चले जा रहे हैं।

कुछ रोशनी सी होती है,
और मैं शिखर के समीप अपने आप को पाता हूँ।
तभी एक हाथ मेरी ओर चला आया,
जिसका सहारा इस जुददे को शिखर पर ले आया।

ऊपर पहुँच देखता हूँ,
आप मेरा हाथ मैं हाथ डाले इंतज़ार कर रहे हो।

जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएँ ,
और सभी की तरफ़ से ढेर सारा प्यार।

No comments:

Post a Comment